माधुरी : किसी दिन बनुँगी मैँ राजा की रानी
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
माधुरी : बड़ी दिल रुबा है ये सारी कहानी
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
माधुरी : अभी तो मिले हो अभी तुम न जाना के दिल बन गया है तुम्हारा दिबाना
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
संजय कपूर : झुकी-झुकी नज़र तेरी कमाल कर गयी
उठी जो एक बार सौ (100) सवाल कर गयी ॥ 2
माधुरी : मेरी जबान धड़कनो मे तेरी प्यास थी
लगा ये तुझको देख के तेरी तलाश थी
संजय कपूर : तश्वीर तेरी दिलवर मै दिल मे उतारुँगा
उलझे-उलझे तेरे केशो को सवारुँगा
माधुरी : ज़रा फिर से कहना
संजय कपूर : किसी दिन बनेगी तू राजा की रानी
माधुरी : ज़रा फिर से कहना
माधुरी : किसी दिन बनुँगी मै राजा की रानी
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
माधुरी : तू फूल है चमन का मैँ कली वहार की
मेरे लवो पे लिख दे दास्तान प्यार की ॥ 2
संजय कपूर : तू इश्क की ज़ुबान हुश्न का वयान है
तू जांनशीन जानेजा तू मेरी जान है
माधुरी : तारीफ़ न कर इतनी मै होश गवा बैठूँ
ऐसा न हो चाहत मे दुनिया को भुला बैठूँ
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
माधुरी : किसी दिन बनुँगी मैँ राजा की रानी
संजय कपूर : ज़रा फिर से कहना
(दोनो) : हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ
संजय कपूर : किसी दिन बनेगी तू राजा की रानी
माधुरी : ज़रा फिर से कहना । । । । । ।
(समाप्त)
ज़ुबैर आलम
(SONU.N)
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