Monday, March 18, 2013

Naqaab

मै तो पागल ही हो  गया  नक़ाब में उनकी आँखे देखकर .......
ना  जाने  वो शख्स कैसे रोज़ आइना देखता होगा ......


लेखक
ज़ुबैर  आलम 

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