Wednesday, February 24, 2010

माँ

के दुनिया जिसको माँ कहती है ज़ात बड़ी बा-बरकत है-2
के माँ ऐसी हसती जिसके कदम के नीचे जन्नत है ।

के माँ ने अपने खून-ए-जिगर से दुनिया को सहराब किया-2
के गौश-ए-वलि और पीर-ओ-पैगंबर सबको माँ ने जन्म दिया-2
के माँ के हँसी पैकर मे देखो-3
शान-ए-रव्वुल इज़्ज़त है
के माँ ऐसी हसती जिसके कदम के नीचे जन्नत है

दुनिया----------बरकत है

और घर बाले सब सो जाते है-2
जागती माँ रह जाती है-2
के बच्चे के आराम के खातिर हर दु:ख बो सह जाती है-2
के माँ के आँचल के साये मे-3
चैन-ओ-सुकून है राहत है
के माँ ऐसी हसती जिसके कदम के नीचे जन्नत है

दुनिया-----------बरकत है

और माँ की एक छोटी सी हँसी से-2
दिल का चमन खिल जाता है-2
और माँ की आँख मे आँसू हो तो-2
अर्श-ए-खुदा हिल जाता है
के माँ की अज़मत जो न समझे-3
उस पे खुदा की लानत है
के माँ ऐसी हसती है जिसके कदम के नीचे जन्नत है

दुनिया----------बरकत है

माँ की दुआँऐ लेकर जब मे-2
अपने घर से निकलता हूँ-2
ऐसा लगता है के जन्नत-2
की वादी मे टहलता हूँ
के माँ की दुआ के सदके मे-3
हर-सू-जहाँ मे शोहरत है
माँ ऐसी हसती है जिसके
कदम के नीचे जन्नत है

उसके दिल से जाकर पूछो-2
जिसकी माँ मर जाती है-2
मन का आँगन दिल की दुनिया-2
सब सूना कर जाती है-2
के माँ ही घर की रोनक है-3
और माँ ही ज़ीनत है
अरे ! माँ ऐसी हसती जिसके
कदम के नीचे जन्नत है

दुनिया-----------बरकत है

प्यारे बच्चो तुम भी समझो-2
माँ को दिल से कदर करो
के माँ की खिदमत फर्ज़ है तुम पर-2
माँ को कभी तकलीफ न दो
के शबनम तुम भी समझो माँ के-3
ज़ात सरापा रहमत है
माँ ऐसी हसती है जिसके
कदम के नीचे जन्नत है

दुनिया जिसको माँ कहती है
ज़ात बड़ी बा-बरकत है ।



(मेरी स्वर्गिय माँ की याद मे)

लेखक :ज़ुबैर आलम उर्फ सोनू

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